ज़रुरत

जरुरते हर इंसान होती हैं। लेकिन पुरी तो किसी की होती हैं। लेकिन जिस की पुरी नहीं होती वो भी पुरी जतु झहन करता हैं उन्हे पुरा करने की नही तो वो अपना जीवन कैसे जीएगा इसलिए हर किसी को अपनी जरुरतो के जरीये ही सही जीवन से लड़ना और हर वक्त अपने नसीब़ कोपढ़ना जारी रखें “ज़रुरत”

बटवारा

बटवारा तो आज के वक्त मे तो दिलो का चीड़ फाड़ जैसे डॉक्टर करते हैं ना ओप्रेशन टेटर वैसे आज के दोर में दिल के जसबातो के साथ होता रहा हैं। बटवारा पहले सिफ्र ज़मीन जायददात़ का होता था आज के दोर में तो दिल के ज्जबातो का होता हैं। जहां इन जशबात की कोईपढ़ना जारी रखें “बटवारा”

सलाहकार

हर किसी कि जिंदगी में एक सलाहकार जरूर होना चाहिए या फिर होता तो हैं हि हम इन दोनो बातो मे से एक तो जरुर एक भी बात बन जाए तो जीवन की आधी मुसिबतो का वैसे ही समाधान निकाल आता हैं। जीवन हर मोड़ पर या फिर यु कहु कि जीवन मे आधी सेपढ़ना जारी रखें “सलाहकार”

तजुरबा़

ये जीवन में जीतनें भी हम सब दुखो को झेलकर अपना जीवन और जीतना सयम से काम लेते हैं और जीतना कठिनाइयो से लड़ कर फिर डट कर खड़े रहते तब उसके बाद जो वो पल निकल जाता हैं। उसके बाद हम जो खुशी महसुस होती हैं। उसे तजुरबा़ कहते हैं और हम इस बातपढ़ना जारी रखें “तजुरबा़”

इंतजार

इस जीवन में हर चीज़ के लिए इंतजार करना पड़ता हैं और वो हर काम के लिए करना पड़े तो इतना बुरा तो भगवान किसी के साथ ना करे कयोंकि हर बार और हर छोटी खुशी के लिए इंतजार नहीं किया जाता और कितने वक्त तक इंतजार करना ये कोई वक्त थोडी ना पता हैंपढ़ना जारी रखें “इंतजार”

शब्द

शब्द एक अच्छा होता हैं। और दुसरा बुरा दोनो ही सुरतो मे शब्दो का असर हमारे जीवन पर जरुर पड़ता हैं कयोंकि हम जब अपने बारे मे अच्छा सुनते हैं तो हम भले ही अच्छा महसूस करे लेकिन इस से हमे अपने उपर घमण होने लगता हैं और जैसे ही हम अपने बारे मे बुरापढ़ना जारी रखें “शब्द”

पकवान

पकवान शब्द तो आज कल बस शब्द बन कर रह गया हैं। कयोंकि आज कल तो किसी से ना तो ज्यादा मीठा और ना ही किसी से ज्यादा नमक या घी का खाना खाया जाता हैं। और पहले तो छोटी छोटी छोटी बातो मे शरत त कहो या होड़ लगती थी और फिर एक किलोपढ़ना जारी रखें “पकवान”

परवरिश

परवरिश अच्छी हो या बुरी दोनो ही सुरतो मे बच्चों को जीवन जीना सिखाना होता हैं। कुछ लोग बुरी शिक्षा देकर अपने बच्चों को चोर चक्का बनाते हैं और कुछ लोग उच्च शिक्षा देकर सम्मानित जिदकीं जिना सिखाते हैं लेकिन आज के दोर में हम चाहे अच्छी या बुरी दोनो मे से कुछ भी शिखापढ़ना जारी रखें “परवरिश”

दशहरा

दशहरा उत्सव बहुत धुम धाम से मनाने का पर्व हैं और ये कयो मनाया जाता हैं। इसके बारे में सब जानते हैं लेकिन आज कल के बच्चों को बस जब तक त्यौहार होता हैं। तब तक ही याद रहता हैं पहले हमारे वक्त पर तो हम सब को कभी कुछ भी पुछने पर हम फ़टाकपढ़ना जारी रखें “दशहरा”

बीरबल और अकबर

बीरबल और अकबर इन दोनों की कहानियॉं हम सब ने बहुत सुनी और पढी़ हैं लेकिन हम ने ये गोर किया है कभी भी की बीरबल और अकबर की इतनी कैसे बनती हैं आईये थोडा़ इस पर आज विचार किया जाए बीरबल कि सूझबुझ के आगे अकबर भी नर मस्तक हो जाते इसलिए अकबर बीरबलपढ़ना जारी रखें “बीरबल और अकबर”

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